राजस्थान की लोक कलाएँ : Folk Arts of Rajasthan

राजस्थान की लोक कलाएँ (Folk Arts of Rajasthan) राजस्थान की लोक कलाओ ने विश्वभर में अपनी एक पहचान बनाई है। किसी विशेष क्षेत्र की लोक अथवा सामान्य जन की कला लोक कला कहलाती है। वस्तुओं की सहायता से अपने सुन्दरतम रूप में प्रस्तुत होती है तो वह लोककला का स्वरूप ग्रहण करती है। लोककलाएँ जहाँ… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (बाड़मेर) : बाड़मेर जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

बाड़मेर जिला दर्शन : बाड़मेर जिले की सम्पूर्ण जानकारी  परमार राजा धरणीधर के पुत्र बाहदा राव ने बाड़मेर नगर बसाया। कभी मालानी (12वीं सदी में) कहे जाने वाला वर्तमान बाड़मेर जिला 1949 में जोधपुर राज्य को राजस्थान में मिलाने के बाद स्थापित हआ था। यह राज्य का क्षेत्रफल का दृष्टि दूसरा सबसे बडा जिला है। बाड़मेर… Read More »

राजस्थान की प्रमुख नदियों के 50 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर : राजस्थान की प्रमुख नदियों के प्रश्नोतर : Rajasthan ki Pramukh Nadiya Important Questions

इस पोस्ट के राजस्थान की प्रमुख नदियों के 50 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (50 important questions and answers of major rivers of Rajasthan ) (Rajasthan gk quiz) दिए गए है जो आपके राजस्थान में सभी प्रतियोगी परीक्षाओ में महत्वपूर्ण होंगे। और आपकी तैयारी को बेहतर बनाएगे। नीचे दिए गए प्रश्नो के उतर पर क्लिक कीजिये और उनके सही… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (बाराँ) : बाराँ जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

बाराँ जिला दर्शन : बाराँ जिले की सम्पूर्ण जानकारी  प्राचीनकाल में बाराँ भगवान विष्णु के वराह अवतार के कारण वराहनगरी के नाम से प्रसिद्ध रहा है। प्राचीन वराह नगरी प्राचीन समय में इसके अन्तर्गत बारह गाँव आते थे, इसलिए भी यह बारां कहलाया। यहाँ 15वीं सदी से पूर्व सोलंकी राजपूतों का शासन था। स्वतंत्रता के पश्चात… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (सीकर) : सीकर जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

सीकर जिला दर्शन : सीकर जिले की सम्पूर्ण जानकारी  सीकर प्राचीन समय में वीरभान बास नामक ग्राम था। सीकर पर बीकानेर के राठौड़ शासकों के वंशज शासन करते थे। सीकर नाम (इस ग्राम को) शिवसिंह द्वारा दिया गया। शिवसिंह ही सीकर का संस्थापक माना जाता है।यह 17वीं शताब्दी में स्थापित सीकर जयपुर रियासत का सबसे बड़ा ठिकाना था।… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (बाँसवाड़ा) : बाँसवाड़ा जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

बाँसवाड़ा जिला दर्शन : बाँसवाड़ा जिले की सम्पूर्ण जानकारी  बाँसवाड़ा राज्य की नींव महारावल उदयसिंह के पुत्र महारावल जगमालसिंह ने डाली थी। इसका नाम इस क्षेत्र में प्रचुरता से पाये जाने वाले पेड़ बांस (बानी) व बांसिया भील द्वारा बसाये जाने के कारण पड़ा है। बाँसवाड़ा राज्य वागड़ (प्राचीन दूंगरपुर राज्य) का पूर्वी हिस्सा है। इसका अर्थ… Read More »

राजस्थान की प्राचीन सभ्यताए के 50 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर : राजस्थान की प्राचीन सभ्यताए प्रश्नोतर : Rajasthan ki prachin sabhyata Important Questions

इस पोस्ट के राजस्थान की प्राचीन सभ्यताए के 50 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (50 Important Questions and Answers of Rajasthan prachin sabhyata ) (Rajasthan gk quiz) दिए गए है जो आपके राजस्थान में सभी प्रतियोगी परीक्षाओ में महत्वपूर्ण होंगे। और आपकी तैयारी को बेहतर बनाएगे। नीचे दिए गए प्रश्नो के उतर पर क्लिक कीजिये और उनके सही उतर का पता… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (नागौर) : नागौर जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

नागौर जिला दर्शन : नागौर जिले की सम्पूर्ण जानकारी  प्राचीनकाल में अहिछत्रपुर के नाम से विख्यात नागौर जांगलदेश व सपादलक्ष (शाकंभरी) के चौहानों की राजधानी रहा था 1570 ई. में अकबर ने अजमेर जियारत कर सीधे नागौर जाकर अपना दरबार लगाया, जहाँ मारवाड़ के अधिकांश शासकों ने उसकी अधीनता स्वीकार की थी। अत: मारवाड़ की… Read More »

राजस्थान की प्रमुख प्राचीन सभ्यताए : Major Ancient Civilizations of Rajasthan .

राजस्थान की प्राचीन सभ्यताए   कालीबंगा (हनुमानगढ़) आहड़ (उदयपुर) गिलूण्ड (राजसमन्द) ओझियाना (भीलवाड़ा) लाछूरा (भीलवाड़ा) बालाथल (उदयपुर) गणेश्वर सभ्यता   रंगमहल (हनुमानगढ़) नोह (भरतपुर ) बैराठ बागोर नगरी (चित्तौड़गढ़) जोधपुरा (जयपुर) सुनारी (खेतड़ी-झुंझुनूं) तिलवाड़ा रैढ़ (टोंक) नगर ( टोंक ) आशा करता हु की आपको ये पोस्ट (राजस्थान की प्रमुख प्राचीन सभ्यताए : Major Ancient Civilizations of Rajasthan)… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (टोंक) : टोंक जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

टोंक जिला दर्शन : टोंक जिले की सम्पूर्ण जानकारी राजस्थान के लखनऊ नाम से विख्यात टोंक के बारे में प्राचीन अभिलेख के अनुसार अकबर के शासनकाल में जयपुर रियासत के राजा मानसिंह ने भोला नाम के ब्राह्मण को टोकरा के 12 गाँव भूमि के रूप में स्वीकृत किए जिसने इन ग्रामों के समूह को मिलाकर टोंक… Read More »