राजस्थान जिला दर्शन (झुंझुनूं ) : झुंझुनूं जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

By | September 30, 2021
 झुंझुनूं जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

झुंझुनूं जिला दर्शन : झुंझुनूं जिले की सम्पूर्ण जानकारी

राव शेखा (1433-88) की जन्म स्थली ‘शेखावाटी’ क्षेत्र आज राजस्थान की ‘Open Air Art Gallery’ (कला दीर्घा) के नाम से विख्यात है। यहाँ की हवेलियाँ Fresco Paintings’ के लिए प्रसिद्ध हैं। यह क्षेत्र मारवाड़ी व्यवसायियों की जन्म स्थली है, जो एक शताब्दी से भी अधिक समय से देश के वाणिज्यिक एवं औद्योगिक क्षेत्र की रीढ़’ हैं। झुंझुनूं, सीकर एवं चूरू जिले के कुछ क्षेत्र शेखावाटी में आते हैं। यहाँ के भित्ति चित्रों में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता था, जो आज भी पूर्व की भाँति ही विद्यमान हैं। शेखावाटी को राजस्थान के मरुस्थल का सिंह द्वार कहा जाता है।

फिरोज खाँ तुगलक के बाद कायम खाँ के पुत्र मुहम्मद खाँ ने झुंझुनूं में अपना राज कायम किया। विक्रम संवत् 1787 (सन् 1730 ई.) तक यहाँ कायमखानी नवाबों का आधिपत्य रहा। इसके बाद इस पर शेखावत राजपूतों का आधिपत्य हो गया। झुंझुनूं आज प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव की दृष्टि से अपना विशिष्ट स्थान रखता है। झुंझुनूं को यह नाम ‘झुंझा जाट या ‘जुझार सिंह नेहरा की स्मृति के रूप में दिया गया है। झुंझुनूं को ताम्र जिला व खेतड़ी को ताम नगरी कहा जाता है।

  • क्षेत्रफल : 5928 वर्ग किमी.
  • नगरीय क्षेत्रफल – 175.64 वर्ग किलोमीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रफल – 5752.36 वर्ग किलोमीटर है।
  • झुंझुनूं जिले में कुल वनक्षेत्र – 405.31 वर्ग किलोमीटर
  • झुंझुनूं जिले की मानचित्र स्थिति – 27°5′ से 28°5′ उत्तरी अक्षांश तथा 75°’ से 76°’ पूर्वी देशान्‍तर है।
  • झुंझनूं के उत्तर-पूर्व, पूर्व व दक्षिण-पूर्व में हरियाणा, दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम में सीकर तथा उत्तर व उत्तर-पश्चिम में चूरू जिला है। 
  • इसके दक्षिण पूर्व में अरावली की पहाड़ियाँ हैं।

झुंझुनू के प्रमुख मेले व त्यौहार

  • रायमाता — गांगियासर 
  • नरहड़ पीरजी — नरहड़ 
  • लोहार्गल  — लोहार्गल
  • मनसा देवी — झुंझुनूं 
  • राणी सती मेला — झुंझुनूं 

झुंझुनू के प्रमुख मंदिर

  • रघुनाथजी चूड़ावत का मंदिर — खेतड़ी के इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण राजा बख्तावर जी की रानी चूडावत ने करवाया था। इसमें श्री राम व लक्ष्मण की मूंछों वाली मूर्तियाँ प्रतिष्ठित है जो अन्यत्र दुर्लभ हैं।
  • लोहार्गल, झुंझुनूं  — मालकेतु पर्वत की शंखाकार घाटी में यह प्रसिद्ध तीर्थ अवस्थित है। इस तीर्थ की चौबीस कौसी परिक्रमा प्रसिद्ध है। यह गोगा नवमी से प्रारंभ होकर भाद्रपद अमावस्या को समाप्त होती है। इसे मालखेत जी की परिक्रमा भी कहा जाता है। यहाँ बोरखंडी शिखर एवं सूर्यकुंड आदि दर्शनीय स्थान हैं। 
  • राणीसती का मंदिर — राणी सती का वास्तविक नाम नारायणी था जो अग्रवाल जाति की थी। यह मंदिर झुंझुनूं में है। इसे नारायणी बाई का मंदिर भी कहते हैं। .
  • नरहड़ शरीफ की दरगाह — झुंझुनूं जिले की चिडावा तहसील के एक प्राचीन कस्बे नरहड़ में बाबा शक्कर बार पीर की दरगाह स्थित है। बाबा शक्कर बार पीर को ‘बांगड का धणी’ व ‘हाजी बाबा’ भी कहा जाता है। प्रत्येक जन्माष्टमी पर इस दरगाह में मेला भरता है जिसमें विभिन्न सम्प्रदायों के लोग बिना जातिगत भेदभावों के भाग लेते हैं । नरहड़ शरीफ की पवित्र भूमि साम्प्रदायिक सद्भाव का अनूठा स्थल है। इस दरगाह में तीन दरवाजे – बुलन्द, बसन्ती व बगली दरवाजा है

झुन्झुनू में स्थित हवेलियाँ

  • ईश्वरदास मोदी की हवेली — यह हवेली सौ से अधिक खिड़कियों के लिए प्रसिद्ध है। 
  • खींचन की हवेली, टीबड़ वाले की हवेली (नवलगढ़) पौद्दारों की हवेली (नवलगढ़) भक्तों की हवेली (नवलगढ़ की हवेलियों में सबसे बड़ी) सेठ जयदयाल केडिया की हवेली (बिसाऊ), सीताराम सिंगतिया की हवेली (बिसाऊ) सेठ हीराराम बनारसी लाल की हवेली (बिसाऊ) सोना चाँदी की हवेली (महनसर), बिड़ला की हवेली (पिलानी) सागरमल लाडिया की हवेली (मण्डावा) रामदेव चौखाणी की हवेली (मण्डावा), रामनाथ गोयनका की हवेली (मण्डावा)।

झुंझुनू के चर्चित व्यक्ति

  • स्वामी विवेकानन्द — 1893 में अमेरिका में शिकागो सम्मेलन में भाग लेने से पहले ये खेतड़ी के शासक अजीतसिंह के पास आये। इनका विवेकानन्द नाम व पगड़ी खेतड़ी की ही देन है। 
  • घनश्याम बिड़ला — 1961 में पद्म विभूषण से सम्मानित। 
  • नरोत्तम लाल जोशी — राजस्थान के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष।  
  • हवलदार मेजर पीरु सिंह — प्रथम परमवीर चक्र विजेता।
  • मेजर दयाचन्द — प्रथम शौर्य चक्र (1998) विजेता। 
  • नायक हरिसिंह — कीर्ति चक्र विजेता (1992)।
  • श्रीमती सुमित्रा सिंह — राजस्थान की प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष (12वीं विधानसभा में )। 9 बार M.L.A का चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला। 
  • सुरेश कुमार टेलर — नवलगढ, निवासी, वैदिक विधि की खोज (पहाड़ों की गणना)। 
  • श्योदान सिंह धाभाई व रामकुमार सिंह —1942 से 46 तकसुभाषचन्द्र बोस की “आजाद हिन्द फौज” के सिपाही रहे। 
  • श्रीमती कमला बेनिवाल — राजस्थान की प्रथम महिला मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री। प्रथम राजस्थानी महिला जो राज्यपाल बनी। 
  • पं. झाबरलाल शर्मा — पत्रकारिता के पितामह ।

झुंझुनू के दर्शनीय स्थल

  • ईसरदास की हवेली — यह शताधिक खिड़कियों वाली हवेली है।
  • खेतड़ी महल झुंझुनूं — खेतड़ी के महाराजा भोपाल सिंह (1735-1771 ई.) द्वारा अपने ग्रीष्मकालीन विश्राम हेतु झुंझुनूं में अनेक खिड़कियों व झरोखों से सुसज्जित बहुमंजिले खेतड़ी महल का निर्माण करवाया गया था। इस महल में लखनऊ जैसी भूल-भूलैया एवं जयपुर के हवामहल की झलक देखने को मिलती है। इसे ‘राजस्थान का दूसरा हवामहल’ भी कहा जाता है। 
  • किरोड़ी — यहाँ उदयपुर वाटी के दानवीर शासक टोडरमल एवं वित्त मंत्री मुनशाह के स्मारक हैं। यहाँ केवड़े के दुर्लभ वृक्ष भी उपलब्ध हैं। 
  • खेतड़ी — खेतड़ी नगर की नींव राजा खेत सिंह निर्बान ने डाली। भारत की ताम्र नगरी’ के नाम से विख्यात खेतड़ी नगर का स्वामी विवेकानन्द से गहरा रिश्ता है। शिकागो धर्म सम्मेलन में जाने से पूर्व स्वामीजी खेतड़ी आये थे। खेतड़ी नरेश महाराजा अजीतसिंह से उनका पारिवारिक संबंध था। स्वामीजी को विवेकानन्द नाम खेतड़ी के महाराजा अजीत सिंह ने ही दिया था। पं. मोतीलाल नेहरु (जवाहरलाल नेहरु के पिता) की प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं हुई थी। खेतड़ी के निकट शिमला गाँव से शेरशाह सूरी का भी संबंध था। यहाँ रामकृष्ण मिशन का मठ, गोपालगढ़ का दुर्ग पन्नालाल शाह का तालाब (सतरंगी तालाब), खेतड़ी   का किला, गोपीनाथ का मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं। 
  • अजीत सागर बाँध — यह बाँध राजा अजीत सिंह ने बन्सियाल गाँव (खेतड़ी) में बनवाया। 
  • स्वामी विवेकानंद म्यूजियम — इस म्यूजियम को बनाने की घोषणा स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती पर जनवरी 2013 में की गई। यह फतेह विलास पैलेस, खेतड़ी में निर्माणाधीन है।
  • पिलानी — तकनीकी शिक्षा के राष्ट्रीय सिरमौर पिलानी में Birla Institute of Technology and Science
  • (BITS) तथा केन्द्रीय इलेक्ट्रानिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CEERI: Central Electronics Engineering Research Institute) स्थित है। बिरला हवेली एवं पंचवटी परिसर आदि दर्शनीय स्थल हैं। बिरला तकनीकी म्यूजियम (देश का प्रथम उद्योग एवं तकनीकी म्यूजियम) बिट्स पिलानी में 1954 में स्थापित किया गया। 
  • महनसर — पौद्दारों की सोने की दुकान’ जिस पर भित्ति चित्रों में स्वर्णिम पॉलिस की गई है एवं श्रीराम एवं श्रीकृष्ण की लीलाओं का नयनप्रिय चित्रण किया हुआ है, के लिए प्रसिद्ध । तोलाराम मसखरा का महफिल खाना भी यहीं है।
  • नवलगढ़ — यहाँ पौद्दारों की हवेली, भगतों की हवेलियाँ, बघेरियों की हवेलियाँ, आठ हवेली काम्प्लेक्स, रूपनिवास महल, चौखानी परिवार की हवेली आदि प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। यह कस्बा शेखावाटी की स्वर्णनगरी’ के नाम से विख्यात है। 
  • अन्य दर्शनीय स्थल —  शेखावाटी क्षेत्र यहाँ की भित्ति चित्रों से युक्त प्राचीन हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ मण्डावा, डूण्डलोद, मुकुन्दगढ़, चिड़ावा आदि प्रमुख कस्बे हैं, जहाँ की हवेलियाँ अत्यधिक आकर्षक हैं। इसके अतिरिक्त कमरुद्दीन शाह की दरगाह, मनसा माता का मंदिर, मोदियों की हवेली, बिरदी का कुआँ, सोने चाँदी की हवेली, टिबेरवाला की हवेली, हेमराज कूलवाल हवेली, बादलगढ़, चंचलनाथ का टीला, फतेहसागर तालाब, नवाब रुहेल खाँ का मकबरा, जामा मस्जिद व आबूसर में नेतका टीला आदि अन्य दर्शनीय स्थल है।

महत्त्वपूर्ण तथ्य :

  • बिड़ला म्युजियम-पिलानी, एशिया के अग्रणी संग्रहालयों में स्थान।
  • झुंझुनूं जिले में मेजर हेनी फोस्टर ने 1835 ई. में एक फौज का गठन किया था जिसका नाम शेखावाटी ब्रिगेड रखा था।
  • डूंडलोद — यहाँ राज्य का प्रथम व देश का पाँचवा गर्दभ अभयारण द डन्की सैन्चुअरी के नाम से स्थापित है।
  • सीरी (केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) पिलानी, इसका शिलान्यास जवाहरलाल नेहरू ने 31 सितम्बर, 1953 को किया
  • शेखावाटी क्षेत्र में गींदड़, चंग व ढप परम्परागत लोकनृत्य है।
  • बिसाऊ — यहाँ की मूक रामलीला विश्व प्रसिद्ध है, इसका मंचन दिन में किया जाता है।
  • बाघोरगढ़ दुर्ग : बाघोर गाँव में स्थित दुर्ग। इसमें बौद्ध कालीन मूर्ति मिली है।
  • डूंडलोद : यहाँ गोयनका हवेली प्रसिद्ध है। यहाँ की गोयनका छतरी और डूंडलोद का किला दर्शनीय है। डूंडलोद में इंग्लैंड की डंकी सेंचुरी के सहयोग से देश का 5वाँ और राज्य का प्रथम गर्दभ अभयारण्य स्थापित किया गया है। 
  • अकवाली में देश की प्रथम खनिज कोर लाइब्रेरी स्थापित की गई है। 
  • सुनारी नामक पुरातत्व स्थल पर खुदाई में धोंकनी लगी धमन भट्टी मिली है।
  • झुन्झुनू शहर भारत का प्रथम धुम्रपान रहित शहर घोषित (31-05-2007)। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा देश की पहली मिनरल लाइब्रेरी-बबई क्षेत्र (झुन्झुनू)।
  •  राजस्थान का पहला निजी नर्सिंग कॉलेज-पिलानी।
  • ठाकुर शार्दुल सिंह के निधन के बाद उनके पाँच पुत्रों के बीच झुन्झुनू का विभाजन हुआ जो ‘पंचपाना’ कहलाया
  • नवलगढ़ को शेखावाटी का स्वर्ण नगर कहते है। 0 फोजियों वाली तहसील के उपनाम से प्रसिद्ध-बुहाना।
  • राजस्थान क्रीड़ा विश्व विद्यालय झुन्झुनू में स्थापित होगी। 
  • भारत की ताम्र नगरी खेतड़ी। 
  • भोपालगढ़ का किला, नवलगढ़, मुकुन्दगढ़ का किला, मदनसर का किला झुन्झुनू में है। 

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