Category Archives: राजस्थान जिला दर्शन

इस वेबसाइट RAJGKTOPIC व इस केटेगरी में राजस्थान के सभी जिलों के बारे में जानकारी दी गई है जो आपके बहुत उपयोगी होती। अजमेर , जयपुर , नागौर , कोटा व सभी राजस्थान के जिले का वर्णन है।

राजस्थान जिला दर्शन (भरतपुर) : भरतपुर जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

भरतपुर जिला दर्शन : भरतपुर जिले की सम्पूर्ण जानकारी  भरतपुर में शासन जाटों का था। जाट वंश का वास्तविक संस्थांपक बदन सिंह को माना जाता है। बदन सिंह ने भरतपुर के डींग महलो का निर्माण करवाया। डींग को जलमहलो की नगरी कहा जाता है। बदन सिंह के बाद भरतपुर का शासक सूरजमल हुआ इन्होने सन् 1733… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (दौसा) : दौसा जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

दौसा ​जिला दर्शन : दौसा जिले की सम्पूर्ण जानकारी प्राचीन काल में देवांश/देनवसा अथवा द्यौसा आदि नामों से प्रसिद्ध दौसा क्षेत्र 1137 ई. में दुल्हराय /धोलेराय ने ढूँढाड़ में कच्छावाह वंश की स्थापना की दौसा को राजधानी बनाया। दौसा को 10 अप्रैल, 1991 को जयपुर से पृथक कर नवीन जिले (राज्य का 29 वा ) बनाया ।… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (चूरू) : चूरू जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan .

चूरू जिला दर्शन : चूरू जिले की सम्पूर्ण जानकारी  चूरू जिले की स्थापना चूहड़ा जाट ने 1620 ई. में की। स्वतंत्रता के समय यह बीकानेर रियासत का भाग था। 1 नवम्बर 1956 को पूर्ण एकीकरण के तहत चूरू को जिले का दर्जा दे दिया। दूर-दूर रेत के टीलों से आच्छादित एवं काले हिरणों के अभयारण्य के… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (बाड़मेर) : बाड़मेर जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

बाड़मेर जिला दर्शन : बाड़मेर जिले की सम्पूर्ण जानकारी  परमार राजा धरणीधर के पुत्र बाहदा राव ने बाड़मेर नगर बसाया। कभी मालानी (12वीं सदी में) कहे जाने वाला वर्तमान बाड़मेर जिला 1949 में जोधपुर राज्य को राजस्थान में मिलाने के बाद स्थापित हआ था। यह राज्य का क्षेत्रफल का दृष्टि दूसरा सबसे बडा जिला है। बाड़मेर… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (बाराँ) : बाराँ जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

बाराँ जिला दर्शन : बाराँ जिले की सम्पूर्ण जानकारी  प्राचीनकाल में बाराँ भगवान विष्णु के वराह अवतार के कारण वराहनगरी के नाम से प्रसिद्ध रहा है। प्राचीन वराह नगरी प्राचीन समय में इसके अन्तर्गत बारह गाँव आते थे, इसलिए भी यह बारां कहलाया। यहाँ 15वीं सदी से पूर्व सोलंकी राजपूतों का शासन था। स्वतंत्रता के पश्चात… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (सीकर) : सीकर जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

सीकर जिला दर्शन : सीकर जिले की सम्पूर्ण जानकारी  सीकर प्राचीन समय में वीरभान बास नामक ग्राम था। सीकर पर बीकानेर के राठौड़ शासकों के वंशज शासन करते थे। सीकर नाम (इस ग्राम को) शिवसिंह द्वारा दिया गया। शिवसिंह ही सीकर का संस्थापक माना जाता है।यह 17वीं शताब्दी में स्थापित सीकर जयपुर रियासत का सबसे बड़ा ठिकाना था।… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (बाँसवाड़ा) : बाँसवाड़ा जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

बाँसवाड़ा जिला दर्शन : बाँसवाड़ा जिले की सम्पूर्ण जानकारी  बाँसवाड़ा राज्य की नींव महारावल उदयसिंह के पुत्र महारावल जगमालसिंह ने डाली थी। इसका नाम इस क्षेत्र में प्रचुरता से पाये जाने वाले पेड़ बांस (बानी) व बांसिया भील द्वारा बसाये जाने के कारण पड़ा है। बाँसवाड़ा राज्य वागड़ (प्राचीन दूंगरपुर राज्य) का पूर्वी हिस्सा है। इसका अर्थ… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (नागौर) : नागौर जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

नागौर जिला दर्शन : नागौर जिले की सम्पूर्ण जानकारी  प्राचीनकाल में अहिछत्रपुर के नाम से विख्यात नागौर जांगलदेश व सपादलक्ष (शाकंभरी) के चौहानों की राजधानी रहा था 1570 ई. में अकबर ने अजमेर जियारत कर सीधे नागौर जाकर अपना दरबार लगाया, जहाँ मारवाड़ के अधिकांश शासकों ने उसकी अधीनता स्वीकार की थी। अत: मारवाड़ की… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (टोंक) : टोंक जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

टोंक जिला दर्शन : टोंक जिले की सम्पूर्ण जानकारी राजस्थान के लखनऊ नाम से विख्यात टोंक के बारे में प्राचीन अभिलेख के अनुसार अकबर के शासनकाल में जयपुर रियासत के राजा मानसिंह ने भोला नाम के ब्राह्मण को टोकरा के 12 गाँव भूमि के रूप में स्वीकृत किए जिसने इन ग्रामों के समूह को मिलाकर टोंक… Read More »

राजस्थान जिला दर्शन (पाली) : पाली जिला दर्शन : Rajasthan jila darshan

पाली जिला दर्शन : पाली जिले की सम्पूर्ण जानकारी पाली इतिहास के प्रसिद्ध दानी भामाशाह (प्रताप के साथी) की जन्म स्थली रहा है। इस जिले के प्राचीन काल में गुर्जर प्रदेश के नाम से जाना जाता था। पाली का प्राचीन नाम पालिका भी था पाली का कुल क्षेत्रफल: 12,387 वर्ग किमी है। नगरीय क्षेत्रफल – 379.56… Read More »